"महासागर वर्ण विज्ञान एवं अनुप्रयोग" पर एकदिवसीय विचार-मंथन कार्यशाला

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5 फरवरी, 2024 को राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र-हैदराबाद में आयोजित "महासागर वर्ण विज्ञान एवं अनुप्रयोग" कार्यशाला में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया। कुल 28 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान नामतः पीएमएल-यूके, रीडिंग विश्वविद्यालय, सीएसआईआरओ-ऑस्ट्रेलिया, यूके-मेट ऑफिस, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थान- भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र, एनसीसीआर, राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केन्द्र, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद प्रयोगशालाएं - राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान -भुवनेश्वर, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, बंगाल की खाड़ी पर अध्ययन केंद्र, नानसेन पर्यावरण अनुसंधान केंद्र -कोचीन और शिक्षा जगत - आंध्र विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन विश्वविद्यालय, कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान - मद्रास, खड़गपुर, भुवनेश्वर, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय आदि ने हाइब्रिड मोड में भाग लिया। राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया और मत्स्य पालन और समुद्री अनुप्रयोगों के लिए ओशनसैट-3 उपग्रह और इसके पेलोड की भूमिका पर जोर दिया। श्री. जी. श्रीनिवास राव, उप निदेशक - पृथ्वी एवं जलवायु विज्ञान क्षेत्र ने पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में महासागर के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला ने ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की और समुद्र विज्ञान और अनुप्रयोगों में अंतःविषय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

"अंतरिक्ष आधारित ग्रीनहाउस गैसों, वायु गुणवत्ता और जलवायु परिवर्तन" पर राष्ट्रीय विचार-मंथन कार्यशाला

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"अंतरिक्ष आधारित ग्रीनहाउस गैसों वायु गुणवत्ता और जलवायु परिवर्तन" पर राष्ट्रीय विचार-मंथन कार्यशाला 20-21 दिसंबर, 2023 के दौरान राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, इसरो, हैदराबाद में आयोजित की गई । कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों जैसे जैम्सटेक/जापान, आईआईटीएम/एमओईएस, एमओईएफसीसी, एनआईएलयू/नॉर्वे आईआईएसडब्ल्यू-आईसीएआर, सीएसआईआर-एनआईओ, एफएसआई-इंडिया यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस-यूएसए, नासा लैंगली रिसर्च सेंटर, जीएसएफसी और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों जैसे आईआईटी-खड़गपुर, आईआईटी-बॉम्बे, आईआईटी-नई दिल्ली, आईआईएससी-बैंगलोर, आईआईआईटी-हैदराबाद, आईआईएसईआर-भोपाल और विभिन्न इसरो केंद्रों- इसरो-मुख्यालय, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र और उसके क्षेत्रीय केंद्र, राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र-अहमदाबाद, उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र-शिलांग, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला-अहमदाबाद, एसपीएल से लगभग 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यशाला का उद्देश्य ग्रीनहाउस गैसों (जीएचजी) की निगरानी में नवीनतम प्रगति को सामने लाना और संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ाना और ग्रीनहाउस गैसों से जुड़ी आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने और रिक्ति क्षेत्रों की पहचान करने के लिए अनुसंधान समुदाय को एक मंच पर लाना था।

अध्यक्ष, इसरो द्वारा नाइसेस वेबसाइट का विमोचन

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श्री एस.सोमनाथ, अध्यक्ष इसरो एवं सचिव, अंतरिक्ष विभाग ने श्री शांतनु भटावडेकर, वैज्ञानिक सचिव, इसरो, डॉ. प्रकाश चौहान, निदेशक, एनआरएससी की उपस्थिति और अन्य इसरो केंद्रों के निदेशक, निदेशक, NCPOR, निदेशक, INCOIS, निदेशक, IITM, निदेशक, NESAC और अन्य विशिष्ट अतिथियों वर्चुअल उपस्थिति में 26 अक्टूबर, 2023 को इसरो मुख्यालय में नाइसेस वेबसाइट का विमोचन किया।

उन्होंने नाइसेस टीम को उनके कार्य के लिए बधाई दी और भविष्य के दिशानिर्देश की रूपरेखा भी उल्लिखित की। उन्होंने नाइसेस वेबसाइट को जलवायु संबंधी पहल एवं अनुसंधान के राष्ट्रीय मंच के रूप में लक्ष्य के लिए कार्य करने का उल्लेख किया ।

बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च, जयपुर में नाइसेस कार्यशाला

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बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च, जयपुर और एनआरएससी द्वारा संयुक्त रूप से जलवायु अध्ययन के लिए पृथ्वी अवलोकन पर 12 अक्टूबर, 2023 को नाइसेस कार्यशाला का आयोजन किया गया।

अल्वा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, मूड़बिद्री, कर्नाटक में नाइसेस कार्यशाला

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18 अगस्त, 2023 को अल्वा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, मूड़बिद्री, कर्नाटक में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जहां एनआरएससी वैज्ञानिकों द्वारा 'इसरो और एनआरएससी गतिविधियों की झलक', 'नाइसेस और आकाशीय विद्युत - नाइसेस का घटक' और 'एनआरएससी जियोपोर्टल्स और आंकड़ा उपलब्धता' पर तकनीकी वार्ता एवं परस्पर संवादात्मक सत्र संपन्न हुआ ।

एनआरएससी, आरआरएससी-दक्षिण और सीसीआरआई, कॉफी बोर्ड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह

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राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC), इसरो ने 21 जुलाई, 2023 को कर्नाटक के शेडेड कॉफी इकोसिस्टम क्षेत्र में एड्डी कोवैरिअन्स के साथ कार्बन प्रवाह के अध्ययन के लिए केंद्रीय कॉफ़ी अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआर्ई), कॉफी बोर्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर में नाइसेस कार्यशाला

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राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC), इसरो ने भू-सूचना विज्ञान विभाग, कश्मीर विश्वविद्यालय के सहयोग से 4 मई, 2023 को श्रीनगर में "जलवायु सेवाओं के लिए पृथ्वी अवलोकन" पर एकदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की।

आईसीएआर - आईआईएसडब्ल्यूसी, ऊटी में नाइसेस कार्यशाला

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20 फरवरी 2023 को ऊटी में आईसीएआर और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, इसरो द्वारा संयुक्त रूप से एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कथड़ा, भुज में नाइसेस कार्यशाला

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04 जनवरी 2023 को कथड़ा, ग्राम पंचायत, भुज में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।