जलवायु कथाएँ

उपग्रह आधारित अवलोकनों से ENSO का दृष्टिकोण

Monthly Update

Satellite Derived Chlorophyll-a anomaly in the central Pacific Ocean



Current ENSO Status:
ENSO Neutral conditions are prevailing in the equatorial Pacific Ocean.

Approach

El Niño Southern Oscillation (ENSO), a global climate phenomenon, occurs in the tropical Pacific Ocean with its impacts on global and regional weather systems across the world.
NRSC conducted a new study, using satellite-measured Chl-a, Sea Surface Temperature (SST) based Oceanic Niño Index (ONI) for the period 2003 to 2023, demonstrating that a marked decline of spring bloom Chl-a as an early indicator compared to ONI for El Nino onset prediction.
This study revealed that Chl-a exhibits a significant inverse relationship with ONI during past El Niño (2004-2005, 2006-2007, 2015-2016, 2019-2020 & 2023-2024) and La Niña (2007–2008, 2011–2012, & 2017–2018) events. Based on this study a new ENSO outlook climate service is developed. Read More..

उल्लेखनीय

पृथ्वी एवं जलवायु विज्ञान क्षेत्र ने 21-24 जनवरी, 2025 के दौरान “पृथ्वी प्रणाली और जलवायु विज्ञान में उन्नत डेटा आत्मसात एवं व्युत्क्रम मॉडलिंग” पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। अधिक पढ़ें..

नाइसेस कार्यक्रम के अंतर्गत पृथ्वी एवं जलवायु विज्ञान क्षेत्र ने 28-29 नवंबर, 2024 के दौरान 'वायुमंडलीय तड़ित निगरानी, ​​पूर्वानुमान एवं शमन' नामक कार्यशाला आयोजित की। More..

14 - 25 अक्टूबर, 2024 के दौरान राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र ने "महासागर अनुप्रयोगों के लिए उपग्रह सुदूर संवेदन" पर सीएसएसटीईएपी (CSSTEAP) लघु पाठ्यक्रम का आयोजन किया। More..

2013-22 के दशक में भारत के हैदराबाद के पास उपनगरीय शहर शादनगर के CO2 और CH4 के अंतर-वार्षिक परिवर्तन अधिक पढ़ें..

संवहनी वर्षा समूहों के चिन्हों की पहचान के लिए C-Band SAR की क्षमता का प्रदर्शन करने वाला अध्ययन. अधिक पढ़ें..

भू-तल से 100m की ऊंचाई पर संभावित पवन शक्ति भारत की मुख्य भूमि पर करीब 1.74 kWhm-2day-1 और अनन्य आर्थिक क्षेत्र ( अपतटीय क्षेत्र ) में करीब 6.45 kWhm-2day-1 है. और..

तापमान आधारित गर्मी (टीबीएच), आर्द्रता एवं तापमान आधारित गर्मी (एमटीबीएच) के मानचित्र दैनिक अधिकतम तापमान ( °C में) और सामान्य परिस्तिथियों से उसके अन्तर के माध्यम से अत्यधिक गर्मी की स्थिति की संभावना वाले क्षेत्रों को दर्शाते हैं।देखें..

निकट के समुद्रों से नियमित आर्द्रता क्षिप्राक्रमण के कारण कोहरे की गहनता की घटना, जोकि वायुमंडलीय नदी कहलाता है, का विवरण है. और..

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बारे में

नाइसेस इसरो/डीओएस केंद्रों और विभिन्न मंत्रालयों के तहत अन्य विभागों और राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी वाला एक बहु-संस्थागत उद्यम है जो भाग लेने वाले संगठनों के योगदान (इन-सीटू अवलोकन और मॉडल आउटपुट) के साथ सूचना आधार को मजबूत करने में मदद करेगा। नाइसेस, निदेशक एनआरएससी की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय संस्थानों के सदस्यों की एक संरचना के साथ नाइसेस-प्रोग्राम प्रबंधन समिति (पीएमसी) के मार्गदर्शन में कार्य कर रहा है।

नाइसेस जलवायु परिवर्तन प्रभाव मूल्यांकन और शमन के लिए ध्रुवीय और भूस्थिर मिशनों से भारतीय और अन्य पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों से प्राप्त राष्ट्रीय स्तर के जलवायु आंकड़ा निर्माण की परिकल्पना करता है।

हमारे कार्यक्षेत्र

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विभिन्न पैमानों पर क्लोरोफिल सान्द्रता, समुद्रीय रंग, समुद्र गतिकी उत्पाद इत्यादि की उपलब्धता अधिक जानें..

वायुमंडलीय प्रक्रियाओं की निगरानी और प्रतिरूपण अधिक जानें..

उपयोग के लिए तैयार भूमि उपयोग, मृदा आर्द्रता आदि जैसे उत्पाद अधिक जानें..

हिम आवरण अंश का डेटाबेस अधिक जानें..

जलवायु मापदंडों का अध्ययन करने के लिए वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला, फ़ील्ड उपकरणों का समूह के साथ साथ उपकरणों का एक जाल-तंत्र अधिक जानें ..

छात्रों / प्रोफेशनल / वैज्ञानिक समुदायों के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम अधिक जानें..

अद्यतन

सहभागिता

एनआरएससी, आरआरएससी-दक्षिण और सीसीआरआई, कॉफी बोर्ड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह

कर्नाटक के शेडेड कॉफी इकोसिस्टम क्षेत्र में एड्डी कोवैरिअन्स के साथ कार्बन प्रवाह के अध्ययन के लिए केंद्रीय कॉफ़ी अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआर्ई) के साथ सहभागिता

IoT सेंसर का उपयोग करके वायु प्रदूषण की निगरानी और मूल्यांकन (MAAP)

“Smart City Hackathon 2018" में CO, PM2.5 और PM10 पर वायु गुणवत्ता की निगरानी करने हेतु लाभप्रद IoT सेंसर का उपयोग करके एक प्रोटोटाइप समाधान विकसित और प्रदर्शित किया गया।

भारत के पश्चिमी घाट के समशीतोष्ण पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र में वायुमंडलीय और मृदा के कार्बन डाइऑक्साइड के प्रवाह का अध्ययन

एड्डी कोवैरिअन्स फ्लक्स टॉवर का उपयोग करते हुए समशीतोष्ण पारिस्थितिकी तंत्र में कार्बन नेट-ऊर्जा का अध्ययन करने हेतु अविरत कार्बन डाइऑक्साइड के प्रवाह की सूचना का उत्पादन

प्रकाशन

जलवायु संकेतक के रूप में GHGs के दशकीय अवलोकनों में अंतर-वार्षिक परिवर्तनों की विवृत्ति

भारत के हैदराबाद के पास उपनगरीय शहर शादनगर में वर्ष 2013 और 2022 के बीच एक दशक के लिए CO2 और CH4 की अंतर-वार्षिक विविधताओं का वर्णन अधिक पढ़ें..

ERA5 पुनर्विश्लेषण विधि द्वारा भारत में संभावित पवन ऊर्जा

इस अध्ययन में, हम वेइबुल मिश्रण वितरण के माध्यम से 1979-2018 के लिए ERA5 पुनर्विश्लेषण के आंकड़ों का उपयोग करके भारतीय क्षेत्र के 100 मीटर के स्तर पर पवन ऊर्जा क्षमता का अनुमान लगाया है। अधिक पढ़ें..

समुद्री संवहनी वर्षा समूहों के चिन्हों का व्याख्यान

इस पेपर में, हमने कई संवहनी वर्षा कोशिकाओं के हस्ताक्षरों का अध्ययन करने के लिए सी-बैंड एसएआर छवियों और वैश्विक वर्षा माप (जीपीएम) से प्राप्त लगभग समयोचित अवलोकनों का उपयोग किया है। अधिक पढ़ें..